रायपुर - विधानसभा चुनाव के आसपास, पार्टी ने अपनी तैयारियों की शुरुआत की है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र की पहली बैठक में उसके मुद्दों पर चर्चा की है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को वापसी के लिए 2018 में जारी जनघोषणापत्र को महत्वपूर्ण माना जाता है।
2023 के महा-मुकाबले के लिए कांग्रेस ने उसी दिशा में एक नया घोषणापत्र तैयार करने की योजना बनाई है। उसके खिलाफ, भाजपा अपने घोषणापत्र में खासकर धान और किसान पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस बार, कांग्रेस का घोषणापत्र गांव, गरीब, किसान-मजदूर, स्वास्थ्य और शिक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों पर बड़े ऐलान करेगा। महंगाई के मुद्दे पर भी कांग्रेस अपने घोषणापत्र में केंद्र सरकार को चुनौती देने का प्लान बना रही है। यह बताया जा रहा है कि कांग्रेस अपने घोषणापत्र में राजस्थान की तरह सस्ती गैस सिलेंडर की योजना भी पेश कर सकती है।
शहरी वोटर्स के लिए, बिजली बिल की हाफ योजना का प्रस्ताव भी शामिल हो सकता है। कांग्रेस इसे अपने घोषणापत्र में महत्वपूर्ण वादे के रूप में प्रस्तुत करेगी। कर्मचारियों के मामले में भी, कांग्रेस अपने घोषणापत्र में बड़ा ऐलान करने का विचार कर रही है। इन मुद्दों पर आज हुई घोषणापत्र समिति की बैठक में चर्चा भी हुई। सितंबर तक, कांग्रेस अपने घोषणापत्र को जारी कर देगी। आज की बैठक में, धान की खरीद की तारीख पर भी चर्चा हुई। यह तय किया गया है कि इस वर्ष नवंबर से पहले धान की खरीद शुरू की जा सकती है, लेकिन इससे पहले ही भाजपा और कांग्रेस के बीच मुद्दों पर जुबानी जंग ताक पहुंची है।
भाजपा अपने पुराने घोषणापत्र के वादों को पूरा करने की दिशा में तंज कर रही है, जबकि कांग्रेस का मानना है कि इस बार का घोषणापत्र ऐसा बनाया जाएगा कि पूरे देश की नजरें उस पर होंगी। कांग्रेस ने पिछले बार किसानों से लेकर शहरी मतदाताओं तक सभी
वर्गों को सम्मिलित करने की कोशिश की थी और उन्हें कर्ज माफी और बिजली बिल हाफ की योजना से भी लाभ मिला। इसी दिशा में, इस बार भी कांग्रेस अपने घोषणापत्र में सभी वर्गों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। लोकसभा चुनाव की परिकल्पना करते हुए, महंगाई से राहत दिलाने का यह मुद्दा भी अत्यधिक महत्वपूर्ण हो रहा है। कांग्रेस के आकर्षक वादों का परिणाम चुनाव पर ही आएगा, लेकिन यह निश्चित है कि घोषणापत्र के माध्यम से कांग्रेस ने अपने पक्ष को मजबूत करने का प्रयास किया है।