छत्तीसगढ़ में बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर थाना क्षेत्र में दो महीने पहले संतोष कुशवाह के नवजात बच्चे की मौत हो गई थी. वाड्रफनगर पुलिस चौकी की पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पोस्टमॉर्टम कराया था.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बच्चे की मौत का करण हार्ट अटैक बताया गया, जिसके बाद वाड्रफनगर पुलिस ने शून्य पर पुलिस डायरी रघुनाथनगर थाने में भेज दी लेकिन मामले में नया मोड़ तब आया जब रघुनाथनगर थाने में पदस्थ नगर सैनिक आशुतोष उपाध्याय बार-बार पीड़ित परिवार से पैसे की मांग करने लगा।
मीडिया के सामने वापस किए रुपए
दरअसल, पैसे नहीं दिए जाने पर नगर सैनिक अपने साथ एक एसआई जाबलून कुजूर को लेकर पीड़ित संतोष कुशवाह के घर पहुंच गया और थाने ले जाकर उनसे 20 हजार रुपए की मांग कर दी. इसकी पहली किस्त 9 हजार रुपए पीड़ित के पिता से एएसआई ने ले ली और बाकी 11 हजार रुपए एक दिन बाद देने की बात पर उनको थाने से छोड़ दिया. जब मामला मीडिया के संज्ञान में आया तो एसआई ने मीडिया के सामने ही पीड़ित से लिए गए 9 हजार रुपए वापस किए।
सुर्खियों में हैं पुलिस विभाग के कारनामे
बता दें कि, मामला प्रकाश में आने के बाद बलरामपुर पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उमेद सिंह ने मामले पर तत्काल संज्ञान लिया और नगर सैनिक आशुतोष उपाध्याय और एएसआई जाबलून कुजूर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से दोनों को निलंबित करते हुए लाइन रेस्ट कर दिया. बता दें कुछ दिनों से जिले में पुलिस विभाग अपने कई अजब-गजब कारनामों की वजह से सुर्खियों में है. कुछ दिन पहले ही जिले की विजयनगर पुलिस चौकी क्षेत्र में एक पीड़ित महिला से उसके पति का चालान करने के लिए 50000 रुपए रिश्वत ली गई थी।
फिलहाल, महिला ने अपने घर की भैंस बेचकर रिश्वत की रकम चुकाई थी. फिर काम नहीं होने पर महिला ने तात्कालिक विधायक बृहस्पति सिंह से फरियाद की, गुहार लगाई तब मामला प्रकाश में आया था. इसके बाद जिले में यह दूसरा बड़ा मामला है जहां अपने ही बच्चे की मौत पर पिता को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर 20,000 रुपए की रिश्वत मांगी गई और 9000 रुपए ले भी लिए गए।
रिपोर्टर गजाधर पैंकरा, जशपुर