सारंगढ़ से कमल कांत चौहान
छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवकों के खिलाफ अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) राज्य सरकार की पूर्व लिखित अनुमति के बिना किसी भी मामले में अपराध दर्ज करना तो दूर, जांच भी नहीं कर पाएगी। राज्य सरकार ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) के प्रावधान के मुताबिक यह अधिसूचित किया है। खास बात ये भी है कि सीबीआई को राज्य में इस बात की अनुमति होगी कि वे केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्रों के अधिकारियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ में कहीं भी जांच करने के लिए स्वतंत्र होगी।
मिली जानकारी के अनुसार यह कदम सरकार ने इसलिए उठाया है, ताकि वह अपने शासकीय सेवकों से संबंधित मामलों में नियंत्रण अपने हाथ में रख सके। अगर ऐसा नहीं होगा तो सीबीआई राज्य के किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को जब चाहे भ्रष्टाचार या अन्य किसी आपराधिक मामले संबंधित शिकायत के आधार पर जांच प्रारंभ कर गिरफ्तार भी कर सकती है, लेकिन अब सीबीआई भी राज्य के कर्मियों पर उसी समय हाथ डाल पाएगी, जब उसे ऐसा करने के लिए राज्य सरकार की पूर्व लिखित अनुमति हासिल होगी। साथ ही अब ये भी साफ है कि राज्य सरकार के अफसर कर्मियों की किसी भी मामले में गिरफ्तारी तो दूर, जांच भी शुरू नहीं कर पाएगी।
राज्य सरकार के कर्मियों के लिए ये है प्रावधान
राज्य सरकार ने सीबीआई के लिए ये शर्त भी रखी है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित लोकसेवकों से संबंधित मामलों में राज्य सरकार की पूर्व लिखित अनुमति के बिना ऐसा कोई अन्वेषण नहीं किया जाएगा, जैसा कि केंद्र सरकार या केंद्रीय उपक्रमों के अफसर, कर्मियों संबंधित मामलों में करने की अनुमति है। सूत्रों के अनुसार, अब राज्य सरकार जो मामले जांच के लिए सीबीआई को सौंपेगी, उन मामलों की ही जांच यह केंद्रीय संस्था कर पाएगी।