नई दिल्ली - केंद्र सरकार ने घरेलू खपत को देखकर प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध मार्च 2024 तक जारी रहेगा।
विदेश व्यापार महानिदेशक द्वारा ब्याज निर्यात पर प्रतिबंध के मामले में अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के अनुसार प्याज के निर्यात नीति को मुक्त से संशोधित कर निषिद्ध कर दिया गया है। अधिसूचना में बताया गया है की अन्य देशों के अनुरोध पर सरकार द्वारा की गई अनुमति के आधार पर प्याज के निर्यात के अनुमति जाएगी।
चालू खरीफ सीजन के दौरान प्याज के रकबे में कमी की खबरों के बीच घरेलू बाजारों में प्याज की कीमतें बढ़ने लगी है गुरुवार को प्याज की अखिल भारतीय दैनिक औसत कीमत 57.11 रुपए प्रति किलोग्राम दर्ज की गई थी, जो साल भर पहले की तुलना में 97.95 फीसदी अधिक है।
केंद्र सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए प्याज के निर्यात पर रोग लगा दी है. अगले साल 31 मार्च तक देश से प्याज का एक्सपोर्ट नहीं किया जाएगा. कहा जा रहा है कि सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर ब्रेक लगाने के लिए यह कदम उठाया है. सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से देश में प्याज का भंडारण बढ़ जाएगा, जिससे कीमतों में गिरावट आएगी. इससे प्याज फिर से एक बार अपनी पुरानी कीमतों पर पहुंच सकता है. खास बात यह है कि सरकार ने इस साल 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लागू किया था. इसका उद्देश्य भी घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता को बढ़ावा देना और उनकी कीमतों को नियंत्रित करना था.
विदेश व्यापार महानिदेशालय की ओर से इसको लेकर एक अधिसूचना भी जारी की गई है. अधिसूचना में कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से प्याज के निर्यात पर 31 मार्च, 2024 तक के लिए बैन लगा दिया है. अब 31 मार्च तक दूसरे देशों में प्याज का निर्यात नहीं किया जाएगा. दरअसल, दशहरा के बाद से प्याज की कीमत में आग लगी हुई है. सितंबर महीने तक जो प्याज 30 से 35 रुपये किलो बिकता था, अब उसकी कीमत 50 से 60 रुपये हो गई है. हालांकि, केंद्र सरकार खुद भी कम कीमतों पर प्याज बेच रही है. इसके बावजूद भी कीमतों में कोई गिरावट नहीं आई है. यही वजह है कि सरकार ने देश में प्याज का भंडार बढ़ाने के लिए इसके निर्यात पर 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी.
इतनी बढ़ी महंगाई
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्याज की अखिल भारतीय खुदरा कीमत 29 नवंबर को 94.39 प्रतिशत बढ़कर 57.85 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो एक साल पहले 29.76 रुपये प्रति किलोग्राम थी. क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, त्योहारी मांग और बेमौसम बारिश के चलते खरीफ सीजन में कम उत्पादन के कारण अक्टूबर की तुलना में नवंबर में प्याज और टमाटर की कीमतों में क्रमश 58 प्रतिशत और 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. कई परिवारों ने तो प्याज खरीदना ही छोड़ दिया है.
केंद्र सरकार ने सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरीज से इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस या चीनी सिरप का उपयोग नहीं करने को भी कहा है यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है।