जनवरी 10, 2024

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बोनस भुगतान लटका.! छत्तीसगढ़ के हजारों किसान धान बोनस से वंचित...तकनीकी दिक्कतों से बड़ी परेशानी...पढ़ें पूरी खबर
बोनस भुगतान लटका.! छत्तीसगढ़ के हजारों किसान धान बोनस से वंचित...तकनीकी दिक्कतों से बड़ी परेशानी...पढ़ें पूरी खबर
रिपोर्टर गजाधर पैंकरा, जशपुर
रायपुर :- छत्तीसगढ़ में हजारों किसानों को धान के बोनस की राशि से वंचित होना पड़ रहा है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुशासन दिवस के अवसर पर 25 दिसंबर को 12 लाख किसानों के खाते में दो वर्ष का बकाया बोनस 3,716 करोड़ 38 लाख 96 हजार रुपये हस्तांतरित किया था, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण पौने दो लाख से अधिक किसानों के बैंक खाते में धान बोनस का 537 करोड़ 95 लाख रुपये का भुगतान लटक गया है।
हालांकि, बोनस राशि से वंचित किसानों को समितियों की तरफ से आवेदन करने का संदेश भेजा जा रहा है।
फिलहाल, इससे पहले किसान राशि जमा नही होने पर जानकारी लेने समितियों में जा रहे थे तो उन्हें बैंक भेजा जा रहा था। बैंक जाने पर तहसील में आवेदन जमा करने के लिए कहा जा रहा था। अधिकारियों का कहना है कि खाता उपलब्ध नहीं होने, कृषक की मृत्यु होने तथा भुगतान विफल होने के कारण राशि का भुगतान नही हो पा रहा है। तहसीलदार और बीज प्रक्रिया केंद्र स्तर से संशोधन व सत्यापन की प्रक्रिया की जा रही है, जिसके बाद बोनस से वंचित किसानों को भुगतान किया जाएगा। राज्य शासन की ओर से इस संबंध में सभी कलेक्टरों को दिशा-निर्देश भी जारी किया गया है।
दो वर्ष के बोनस की राशि
कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, खरीफ विपणन वर्ष 2014 -15 के 11.89 लाख किसानों को 63.10 लाख टन धान खरीदी के बदले में बोनस की राशि 1,893.13 करोड़ रुपये और वर्ष 2015-16 के 11.06 लाख किसानों को 59.29 लाख टन धान खरीदी के बदले बोनस की राशि 1,778.77 करोड़ रुपये हस्तांतरित किया गया था। इसमें से खरीफ विपणन वर्ष 2014 -15 के एक लाख 74 हजार 676 किसानों का 284.85 करोड़ तथा वर्ष 2015-16 के 1,139 किसानों का 253.10 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है।
मार्कफेड को राशि कराई गई है उपलब्ध
कृषि विभाग के संचालक की ओर से राशि का आहरण कर प्रबंधक मार्कफेड को उपलब्ध कराया गया है। मार्कफेड की ओर से प्रोत्साहन राशि का अंतरण करने अपेक्स बैंक को किया गया है। इसके बाद बैंक द्वारा किसानों के खाते में हस्तांरण किया गया है। संधारित लेखा-जोखा के आधार पर संचालक कृषि को राशि के व्यय का उपयोगिता प्रमाण पत्र एक माह के भीतर उपलब्ध कराया जाएगा।
चल रही सत्यापन की प्रक्रिया
खाता नंबर बदलने या कुछ तकनीकी दिक्कत होने की वजह से राशि हस्तांतरित नही हो पा रही है। इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। राशि सही हितग्राही को मिले, इसके लिए सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। - केसी पैकरा, संयुक्त सचिव, कृषि विभाग
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